शेयर बाज़ार में लोग आम तौर पर ये गलतियाँ करते हैं

सेंसेक्स-आज-शेयर-बाजार

Published Date : 2024-10-07

सेंसेक्स-आज-शेयर-बाजार : आज भारतीय शेयर बाजार में काफी गिरावट आई है।

सेंसेक्स-आज-शेयर-बाजार में सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स करीब 500 अंकों की गिरावट के साथ 81,150 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 200 अंक गिरकर 24,800 के स्तर पर पहुंच गया। खासकर पब्लिक सेक्टर बैंकों (PSBs) में भारी दबाव देखा गया।

इसके अलावा, विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय शेयरों की बिकवाली भी इस गिरावट का एक मुख्य कारण है।

छोटे और मझोले शेयरों में भी करीब 3% तक की गिरावट देखने को मिली।आज की बड़ी ख़बरों में शामिल है कि बंधन बैंक के शेयरों में 3% तक की तेजी आई, जबकि वोडाफोन आइडिया के शेयर 6% गिर गए।

 

सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट के प्रमुख बिंदु:

  • सेंसेक्स 200 अंक नीचे: यह दर्शाता है कि सेंसेक्स, जो कि बंबई स्टॉक एक्सचेंज का एक प्रमुख सूचकांक है, में 200 अंकों की गिरावट आई है।
  • निफ्टी 25,000 से नीचे: निफ्टी, जो कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक है, 25,000 के महत्वपूर्ण स्तर से नीचे आ गया है।
  • मीडिया और मेटल सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित: मीडिया और मेटल सेक्टर के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई है। इसका मतलब है कि इन क्षेत्रों की कंपनियों के शेयरों की कीमतें काफी कम हुई हैं।

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इस गिरावट के संभावित कारण:

  • वैश्विक बाजारों में मंदी: हो सकता है कि वैश्विक स्तर पर शेयर बाजारों में मंदी का असर भारतीय बाजार पर भी पड़ रहा हो।
  • अर्थव्यवस्था में मंदी के संकेत: हो सकता है कि अर्थव्यवस्था में मंदी के संकेत मिल रहे हों, जिसकी वजह से निवेशक शेयर बेच रहे हों।
  • विदेशी निवेशकों का पैसा निकलना: हो सकता है कि विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार से पैसा निकाल रहे हों, जिससे बाजार में दबाव बढ़ रहा हो।
  • किसी विशेष क्षेत्र या कंपनी से जुड़ी कोई बुरी खबर: हो सकता है कि किसी विशेष क्षेत्र या कंपनी से जुड़ी कोई बुरी खबर आई हो, जिसकी वजह से बाजार में गिरावट आई हो।

इसका आम निवेशक पर क्या असर पड़ता है?

  • नुकसान: जिन निवेशकों के पास शेयर हैं,उन्हें नुकसान हो सकता है क्योंकि शेयरों की कीमतें कम हो गई हैं।
  • चिंता: निवेशक भविष्य को लेकर चिंतित हो सकते हैं और वे और शेयर बेचना शुरू कर सकते हैं, जिससे बाजार में और अधिक गिरावट आ सकती है

सेंसेक्स आज | शेयर बाजारअपडेट : सेंसेक्स 200 अंक नीचे: इसका मतलब क्या है?

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जब हम कहते हैं कि “सेंसेक्स 200 अंक नीचे है,” तो इसका मतलब है कि भारतीय शेयर बाजार का एक प्रमुख सूचकांक, सेंसेक्स, पिछले कारोबारी दिन की तुलना में 200 अंकों से कम हो गया है।

यह इतना महत्वपूर्ण क्यों है?

  • शेयरों की कीमतें: सेंसेक्स, कई बड़ी भारतीय कंपनियों के शेयरों का एक समूह होता है। जब सेंसेक्स गिरता है, तो इसका मतलब है कि इनमें से अधिकांश कंपनियों के शेयरों की कीमतें कम हो गई हैं।
  • निवेशकों का विश्वास: सेंसेक्स में गिरावट से पता चलता है कि निवेशकों का विश्वास भारतीय अर्थव्यवस्था या इन कंपनियों के भविष्य के बारे में कम हो गया है।
  • अर्थव्यवस्था पर प्रभाव: शेयर बाजार की गिरावट का अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ सकता है। कंपनियों के पास निवेश के लिए कम पैसे होंगे और रोजगार के अवसर कम हो सकते हैं।

सेंसेक्स 200 अंक नीचे जाने के संभावित कारण

  • वैश्विक बाजारों में मंदी: अगर वैश्विक स्तर पर शेयर बाजारों में मंदी है, तो भारतीय बाजार भी प्रभावित हो सकता है।
  • अर्थव्यवस्था में मंदी के संकेत: अगर अर्थव्यवस्था में मंदी के संकेत मिल रहे हैं, तो निवेशक शेयर बेच सकते हैं।
  • विदेशी निवेशकों का पैसा निकलना: अगर विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार से पैसा निकाल रहे हैं, तो बाजार में दबाव बढ़ सकता है।
  • किसी विशेष क्षेत्र या कंपनी से जुड़ी कोई बुरी खबर: अगर किसी विशेष क्षेत्र या कंपनी से जुड़ी कोई बुरी खबर आई हो, तो बाजार में गिरावट आ सकती है।

पिछले कारोबारी दिन की तुलना में कम हो गया है और 25,000 के महत्वपूर्ण स्तर से नीचे चला गया है।

यह इतना महत्वपूर्ण क्यों है?

  • शेयरों की कीमतें: निफ्टी, कई बड़ी भारतीय कंपनियों के शेयरों का एक समूह होता है जब निफ्टी गिरता है, तो इसका मतलब है कि इनमें से अधिकांश कंपनियों के शेयरों की कीमतें कम हो गई हैं।
  • निवेशकों का विश्वास: निफ्टी में गिरावट से पता चलता है कि निवेशकों का विश्वास भारतीय अर्थव्यवस्था या इन कंपनियों के भविष्य के बारे में कम हो गया है।
  • अर्थव्यवस्था पर प्रभाव: शेयर बाजार की गिरावट का अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ सकता है। कंपनियों के पास निवेश के लिए कम पैसे होंगे और रोजगार के अवसर कम हो सकते हैं।

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सेंसेक्स आज | शेयर बाजारअपडेट : निफ्टी 25,000 से नीचे जाने के संभावित कारण

सेंसेक्स-आज-शेयर-बाजार

निफ्टी 25,000 से नीचे जाता है, तो इसका मतलब होगा कि सेंसेक्स-आज-शेयर-बाजार  में गिरावट आ रही है।

  • अर्थव्यवस्था में कमजोरी: अगर देश की आर्थिक स्थिति कमजोर होती है या ग्रोथ कम हो जाती है, तो निवेशक शेयर बेचने लगते हैं, जिससे बाजार गिरता है।
  • ब्याज दरों में वृद्धि: अगर केंद्रीय बैंक ब्याज दरें बढ़ाता है, तो निवेशकों के लिए उधारी महंगी हो जाती है और शेयर बाजार से पैसे निकालकर सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर रुख कर सकते हैं।
  • वैश्विक बाजारों का प्रभाव: यदि वैश्विक शेयर बाजारों में गिरावट होती है, तो भारतीय बाजार पर भी इसका असर हो सकता है।
  • कंपनियों के मुनाफे में कमी: अगर कंपनियों का तिमाही परिणाम उम्मीद से कम रहता है, तो निवेशक निराश हो सकते हैं और शेयर बेच सकते हैं।
  • भू-राजनीतिक अनिश्चितता: अगर कोई बड़ा भू-राजनीतिक संकट, जैसे युद्ध या बड़ी नीतिगत बदलाव, होता है तो यह बाजार को प्रभावित कर सकता है।

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जब निफ्टी जैसा एक प्रमुख सूचकांक इस तरह से गिरता है, तो इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • वैश्विक आर्थिक मंदी: वैश्विक स्तर पर आर्थिक मंदी, व्यापार युद्ध, या कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव जैसे कारक भारतीय शेयर बाजार को प्रभावित कर सकते हैं।
  • घरेलू आर्थिक मुद्दे: भारत में मुद्रास्फीति, ब्याज दरों में वृद्धि, या राजनीतिक अस्थिरता जैसे घरेलू कारक भी बाजार में गिरावट का कारण बन सकते हैं।
  • विदेशी निवेशकों का निकासी: विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) भारतीय शेयर बाजार से बड़ी मात्रा में धन निकाल सकते हैं, जिससे बाजार में गिरावट आ सकती है।
  • कुछ विशिष्ट क्षेत्रों में गिरावट: किसी विशेष क्षेत्र जैसे कि आईटी, बैंकिंग या ऑटोमोबाइल में गिरावट पूरे बाजार को प्रभावित कर सकती है।

निफ्टी 25,000 से नीचे जाने के निवेशकों पर प्रभाव

  • नुकसान: निवेशकों के पोर्टफोलियो का मूल्य कम हो सकता है।
  • अनिश्चितता: बाजार में अस्थिरता बढ़ सकती है, जिससे निवेशकों को भविष्य के बारे में अनिश्चितता का सामना करना पड़ सकता है।
  • निवेश के फैसले: निवेशक अपने निवेश के फैसलों को पुनर्विचार कर सकते हैं और अधिक रक्षात्मक दृष्टिकोण अपना सकते हैं।

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सेंसेक्स आज | शेयर बाजारअपडेट : निफ्टी50 ईटीएफ

सेंसेक्स-आज-शेयर-बाजार: Nifty50 ETF एक एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड है जो Nifty 50 इंडेक्स को ट्रैक करता है। यह इंडेक्स नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के 50 सबसे बड़े और सबसे अधिक ट्रेड किए जाने वाले स्टॉक्स को शामिल करता है।

Nifty50 ETF में निवेश करने के कुछ प्रमुख फायदे हैं:

  • विविधता: एक ही निवेश के माध्यम से विभिन्न सेक्टर्स की टॉप कंपनियों में निवेश।
  • लिक्विडिटी: ETF को स्टॉक की तरह ही खरीदा और बेचा जा सकता है।
  • कम लागत: म्यूचुअल फंड्स की तुलना में कम एक्सपेंस रेशियो।

क्या आप किसी विशेष ETF के बारे में और जानकारी चाहते हैं?

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सेंसेक्स-आज-शेयर-बाजार : स्मॉलकैप और मिडकैप प्रदर्शन

स्मॉलकैप और मिडकैप प्रदर्शन: एक विस्तृत विश्लेषण

स्मॉलकैप और मिडकैप स्टॉक्स शेयर बाजार में निवेशकों के लिए हमेशा से आकर्षण का केंद्र रहे हैं। ये कंपनियां बड़े कैपिटलाइज़ेशन वाली कंपनियों की तुलना में आमतौर पर छोटी होती हैं और इनमें उच्च वृद्धि की संभावना होती है।

स्मॉलकैप और मिडकैप के बीच अंतर

  • स्मॉलकैप स्टॉक्स: ये वे स्टॉक्स होते हैं जिनका मार्केट कैपिटलाइज़ेशन सबसे कम होता है। ये कंपनियां आमतौर पर नई या उभरती हुई होती हैं और इनके पास सीमित संसाधन होते हैं।
  • मिडकैप स्टॉक्स: ये स्मॉलकैप और लार्जकैप स्टॉक्स के बीच आते हैं। ये कंपनियां आमतौर पर स्थापित होती हैं और इनका मार्केट कैपिटलाइज़ेशन स्मॉलकैप कंपनियों की तुलना में अधिक होता है।

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प्रदर्शन

स्मॉलकैप और मिडकैप स्टॉक्स का प्रदर्शन अक्सर बाजार के चक्र के अनुसार बदलता रहता है। जब बाजार तेजी से बढ़ रहा होता है, तो इन स्टॉक्स का प्रदर्शन लार्जकैप स्टॉक्स की तुलना में बेहतर हो सकता है। हालांकि, जब बाजार में मंदी आती है, तो ये स्टॉक्स अधिक अस्थिर हो सकते हैं और इनमें गिरावट की संभावना अधिक होती है।

सेंसेक्स-आज-शेयर-बाजार: क्यों निवेश करें स्मॉलकैप और मिडकैप में?

  • उच्च वृद्धि की संभावना: ये कंपनियां आमतौर पर नए क्षेत्रों में काम करती हैं और इनके पास तेजी से बढ़ने की अधिक संभावना होती है।
  • विविधीकरण: अपने पोर्टफोलियो में स्मॉलकैप और मिडकैप स्टॉक्स को शामिल करके, निवेशक अपने जोखिम को कम कर सकते हैं और अपने रिटर्न को बढ़ा सकते हैं।
  • अंडरवैल्यूड स्टॉक्स: कई बार, स्मॉलकैप और मिडकैप स्टॉक्स अंडरवैल्यूड होते हैं और इनमें निवेश करने से निवेशकों को बेहतर रिटर्न मिल सकता है।

अधिक जानकारी के लिए आप निम्नलिखित स्रोतों का उपयोग कर सकते हैं:

  • आर्थिक समाचार: विभिन्न आर्थिक समाचार वेबसाइटें और समाचार पत्र स्मॉलकैप और मिडकैप स्टॉक्स के प्रदर्शन के बारे में नियमित रूप से अपडेट प्रदान करते हैं।
  • ब्रोकरेज फर्म: आप अपने ब्रोकरेज फर्म से भी स्मॉलकैप और मिडकैप स्टॉक्स के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
  • वित्तीय सलाहकार: एक वित्तीय सलाहकार आपको आपके निवेश लक्ष्यों के आधार पर सही स्टॉक्स चुनने में मदद कर सकता है।

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