Published Date : 2024-03-05

निवेश का मनोविज्ञान

(The psychology of investing)

निवेश की मनोविज्ञान, या ‘The psychology of investing‘, एक महत्वपूर्ण विषय है जो निवेशकों के निवेश निर्णयों के पीछे के मानसिक प्रक्रिया को समझने के लिए होता है। यह शामिल करता है कि किस प्रकार के मनोवैज्ञानिक प्राकृतिक और सांकेतिक प्रकार के कारक निवेशकों के निवेश निर्णयों पर प्रभाव डाल सकते हैं।

निवेश में मनोविज्ञान अध्ययन निवेशकों को उनकी मानसिक स्थिति और निवेश निर्णयों को समझने में मदद करता है, ताकि वे अपने निवेशों को समझ सकें और सफलता की दिशा में अधिक प्रभावी निवेश कर सकें।

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निवेश का मनोविज्ञान

निवेश का मनोविज्ञान भविष्य के बारे में धारणाए

भविष्य के बारे में धारणाएं, या निवेशकों की अनुमानित या आशाएं, निवेशकों के निवेश निर्णयों को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण कारक होते हैं।

ये धारणाएं निवेशकों को निवेश निर्णयों पर प्रभाव डाल सकती हैं, जो कई बार उनके निवेशों के परिणामों को सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित कर सकती हैं।

अर्थशास्त्रीय अनुमान निवेशक विभिन्न अर्थशास्त्रीय दृष्टिकोणों और विश्लेषणों के आधार पर बाजार की गतिविधियों को पूर्वानुमानित करते हैं। सामाजिक अनुमान निवेशक अक्सर सामाजिक और आर्थिक माहौल, सामाजिक मूड और अपारदर्शिता के आधार पर भविष्य के निवेश संबंधी निर्णय लेते हैं। प्रौद्योगिकी के अनुमान कुछ निवेशक तकनीकी विश्लेषण, चार्ट पैटर्न, और प्रौद्योगिकी के संकेतों का उपयोग करके भविष्य की अवधारणा करते हैं। 

आर्थिक स्थिति निवेशक अपनी व्यक्तिगत आर्थिक स्थिति, आय, ऋण और बचत के संकेतों के आधार पर भविष्य की अनुमानित धारणा बनाते हैं। बाजार का अनुमान निवेशक बाजार के प्रत्यक्ष और परोक्ष संकेतों के आधार पर भविष्य की अनुमानित धारणा बनाते हैं, जैसे कि वॉल्यूम, लाभ, और मूल्यों की गति। गहरा विश्वास कुछ निवेशक अपने अंदर के अच्छे या बुरे अनुभवों के आधार पर भविष्य के बारे में अपनी धारणाओं को बनाते हैं।

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भय और लालसा, निवेश में महत्वपूर्ण मानसिकता के प्रमुख पहलू हैं।

भय वह भावना होती है जो निवेशकों को हानि के भय से प्रेरित करती है। यह भय बाजार में नुकसान होने, पूंजी की गिरावट, या अन्य अर्थिक संकटों की आशंका के कारण हो सकता है। इस प्रकार का भय निवेशक को सुरक्षित निवेश के प्रति प्रोत्साहित करता है, लेकिन यदि यह अत्यधिक हो, तो यह निवेशक को उसके पैसे का खोने का खतरा बना सकता है। 
 लालसा वह भावना होती है जो निवेशकों को अधिक लाभ की ओर आकर्षित करती है। यह लालसा निवेशक को उच्च लाभ के लिए अधिक उत्साहित कर सकती है, लेकिन अगर यह लालसा अत्यधिक हो, तो निवेशक अप्रत्याशित और असंवेदनशील निवेशों में प्रवृत्त हो सकता है, जो उसके लिए अधिक नुकसानदायक हो सकते हैं। 
ये दोनों भावनाएं निवेशकों के निवेश निर्णयों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती हैं, और उनके निवेशों के परिणामों को सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित कर सकती हैं। एक समझदार निवेशक यह भावनाओं को समान और संतुलित रूप से नियंत्रित करने का प्रयास करेगा ताकि उनके निवेशों में सही दिशा में प्रगति हो सके।
एक व्यावसायिक शब्द है जिसका अर्थ होता है बाजार में अनियमितता या तेजी-मंदी की स्थिति। यह शब्द विशेष रूप से निवेशकों द्वारा उनके निवेशों के तेजी-मंदी के कारण उत्पन्न आंतरिक या बाह्य दबाव को संकेतित करने के लिए प्रयुक्त होता है।
हेरफेर की स्थिति में, बाजार में अनियमितता और अस्थिरता होती है, जो निवेशकों को आपसी आर्थिक संघर्ष, उत्पन्न उतार-चढ़ाव और संदेह के साथ छलकाने के लिए प्रेरित कर सकती है। यह अवस्था निवेशकों को निवेश पर सही प्रकार से सोचने के लिए प्रेरित करती है और उन्हें बाजार के संकेतों का मूल्यांकन करने के लिए समय देने के लिए मजबूर करती है। हेरफेर की स्थिति में, निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए और धीरज और समय के साथ निवेश के फैसले लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। ध्यान रखें कि हेरफेर की स्थिति में, स्थिर और विश्वसनीय निवेश निर्णय लेना महत्वपूर्ण होता है ताकि निवेशक विपरीत प्रतिक्रिया न दें और उनके निवेशों में धीरज से निर्णय ले सकें।

निवेश का मनोविज्ञान “समझौता की प्रवृत्ति”


"समझौता की प्रवृत्ति" एक महत्वपूर्ण मानसिकता है जो निवेशकों के निवेश निर्णयों को प्रभावित करती है।
 इस मानसिकता में, निवेशक अपने निवेश को बेचने के लिए अप्रत्याशित या असंवेदनशील समय पर अपने लाभ को समझौता करने की प्रवृत्ति दिखाते हैं। यह आमतौर पर अपने निवेश के लाभ को धारावाहिक के तौर पर देखने की प्रवृत्ति होती है, जिसमें निवेशक निवेश की मान्यता से पहले ही अपने लाभ को उच्च मानकों पर रखने का प्रयास करते हैं।

इस तरह की प्रवृत्ति से निवेशक अपने निवेशों के साथ अधिक असंतुष्ट हो सकते हैं, जब वे अपने निवेशों को तुरंत लाभ के रूप में बेचकर चले जाते हैं, इसे “ग्रहण लाभ” के रूप में जाना जाता है। यह निवेशकों के लिए नुकसानदायक हो सकता है क्योंकि वे अक्सर अपने निवेशों के वास्तविक मूल्य को नहीं समझते हैं और अपने निवेश के असली पोटेंशियल को नहीं देखते हैं।

समझौता की प्रवृत्ति को नियंत्रित करने के लिए, निवेशकों को उचित शिक्षा और जागरूकता प्राप्त करना चाहिए ताकि वे अपने निवेशों की सही मूल्यांकन कर सकें और उनके लिए लंबे समय तक निवेश कर सकें।

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निवेश का मनोविज्ञान”अर्थशास्त्रीय अनुमान”
 एक महत्वपूर्ण पहलु है जो निवेशकों के निवेश निर्णयों को प्रभावित करता है। इसमें, निवेशक बाजार की गतिविधियों, आर्थिक तथ्यों, और अन्य अर्थशास्त्रीय दृष्टिकोणों को ध्यान में रखकर निवेश के लिए पूर्वानुमान करते हैं।

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आर्थिक सूचकांक: 

आर्थिक सूचकांक: इसमें आर्थिक इंडेक्स, GDP वृद्धि दर, सामाजिक आर्थिक दिशानिर्देश, और अन्य आर्थिक सूचकांक शामिल होते हैं जो बाजार की स्थिति को आकलन करने में मदद करते हैं। राजनीतिक घटनाएं राजनीतिक घटनाओं का भविष्य और उनके प्रभाव का अध्ययन निवेशकों को आर्थिक परिवेश की समझ करने में मदद करता है। वित्तीय संगठनों के प्रक्षेप वित्तीय संगठनों के प्रक्षेप, जैसे कि आर्थिक रिपोर्ट, कंपनी की प्रगति, और आर्थिक योजनाएं, भी अर्थशास्त्रीय अनुमान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 
उद्योग के लक्षण निवेशक उद्योग के लक्षण, उदाहरण के लिए वृद्धि दर, निवेश की दर, और बाजार के प्रतिस्थापन की क्षमता, को आकलन करके भविष्य की संभावनाओं को अनुमानित करते हैं। इन सभी अर्थशास्त्रीय परिप्रेक्ष्यों का उपयोग करके, निवेशक अपने निवेशों के लिए सटीक और उचित पूर्वानुमान बना सकते हैं जो उन्हें बाजार में सफलता प्राप्त करने में मदद कर सकता है।

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